नारी मूरत नहींं एक इन्सान है, इस धरती की एक अलौकिक शान है । नारी मूरत नहींं एक इन्सान है, इस धरती की एक अलौकिक शान है ।
कौन बताएगा नारी में भी जीवन है , जीने की चाहत है , सपने बुनने के हिम्मत है ...। कौन बताएगा नारी में भी जीवन है , जीने की चाहत है , सपने बुनने के हिम्मत है ....
नारी जीवनदायिनी, देती है जान। नारी से होती है, घर-घर की पहचान।। नारी जीवनदायिनी, देती है जान। नारी से होती है, घर-घर की पहचान।।
तू कल-कल करता पानी है, तू धरा की सिमटी माटी है, तू ही माथे की लाली है, तू कल-कल करता पानी है, तू धरा की सिमटी माटी है, तू ही माथे की लाली है,
औरत तब तक अबला है, जब तक वो एक नारी है, बन जाए मां, तो वो काली है! औरत तब तक अबला है, जब तक वो एक नारी है, बन जाए मां, तो वो काली है!
सजदा उसे भी है, जिसने कहा, नर-नारी एक समान हैं। सजदा उसे भी है, जिसने कहा, नर-नारी एक समान हैं।